हवाओं में खुशबू फिर पुरानी सी है
कुछ रस्मो रिवाज मनाने पड़ेंगे,
लौट कर आ गया है कोई शहर में
शहर की रंगत हुई फिर रूमानी सी है
चंद यादों को फिर से इकठ्ठा करूँगा
गाने फिर वो पुराने गुनगुनाने पड़ेंगे,
सालों बाद हसता चेहरा मेरा दिखा है मुझे
टूटी साँसों में फिर से जवानी सी है.
आज फिर याद आ गया है कोई
किस्से लोगो को फिर से सुनाने पड़ेंगे,
उसके हिस्से का वक़्त जो रहता था तनहा मेरा
वो तनहा मोहब्बत भी आज दीवानी सी है.
कल दिखा था मुझे वो भरे बाजार में
पुराने वादे मुझे फिर निभाने पड़ेंगे,
देखा करूँगा उसे फिर से पहरो पहर
शुरू होने पुरानी कोई कहानी सी है.
\ ~Gaurav Yadav
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