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Thursday, March 2, 2017



कुछ नाम हम ज़िन्दगी की कहानियों में बड़ी शिद्दत से लिखते है,
ताउम्र वही नाम हमे फिर जीना सिखाते है.

-Gaurav Yadav









एक चेहरा जो कभी जाना पहचाना सा था,
हर रोज़ उभर आता है जैसे कोई जख्म पुराना सा था,
अब तो मेरा नाम सुनकर भी उसे फर्क नहीं पड़ता होगा,
पर यही नाम किसी ज़माने में उसका ठिकाना सा था.

-Gaurav Yadav



चंद अल्फाज, मुट्ठी भर यादें, और तुम्हारा नाम,
कुछ इस तरह हम आज कल अपनी कहानी बयान करते हैं.

-Gaurav Yadav



Saturday, January 21, 2017

हर रात मैं खुद को समेट लेता हूँ,
सुबह ज़िन्दगी बदल लेती है, फिर अपना मिजाज,
शाम होते तक मैं बिखर जाता हूँ, किसी शायरी की तरह,
और अंत में साथ होते हैं, मैं और मेरे अधूरे अल्फाज.
                                                                    
                                                                              -गौरव यादव



यादों के ये सिलसिला अगर थम भी जाए तो क्या,
ख्वाहिशों में मिलने वाला हकीकत में मिल भी जाए तो क्या,
आदत हो चुकी है मुझे अंधेरों में जीने की,
अँधेरी रातों में कोई आसमां मिल भी जाए तो क्या.

                                                                            - गौरव यादव